सैंटा तक ये  सन्देशा

सैंटा तक ये संदेशा

मान्यता है कि क्रिसमस पर सैंटा अपनी छोटी सी स्लेज में बैठ कर रात भर बच्चों को उनके मर्जी के उपहार बाँटते हैं | आज भी बच्चे रात भर जाग कर सैंटा का इंतजार करते हैं | ऐसी ही बचपन की किसी क्रिसमस में डूबता उतराता मन .. सैंटा तक ये  सन्देशा सैंटा तक ये  सन्देशा कोई जल्दी से पहुंचाना घर-आँगन  फिर से  बचपन वाली  क्रिसमस लाना तकिये  के नीचे रखें फिर से मन्नत भरी  जुराबें खिड़की पर रात भर टकटकी बांधे रहे निगाहें आएगा कोई सुध लेने, भरोसा  फिर से जगाना सैंटा तक ये  सन्देशा..  बिस्किट ,चॉकोलेट टॉफी से कैसे खिल जाता है मन हर अनजान अपरिचित से  कैसे हो जाता अपनापन सर्द  हवा  भी  डिगा  ना पातीं, नन्ही आशा के तारे सबकी अर्जी पूरी करने कोई फिरता द्वारे -द्वारे बड़े  दिन की शुरुआत  बड़े दिल से होती समझाना सैंटा तक ये  सन्देशा..  वंदना बाजपेयी यह भी पढ़ें …. क्रिसमस पर 15 सर्वश्रेष्ठ विचार सांता का गिफ्ट सेंटा क्लॉज आएंगे जीवन को दिशा देते बाइबल के 21 अनमोल विचार आपको कविता सैंटा तक ये  सन्देशा.. कैसी लागि ?हमें अपनी राय से अवगत कराये |अगर आप को अटूट बंधन की रचनाएँ पसंद आती हैं तो हमारा फेसबूक पेज लाइक करे व साइट को सबस्क्राइब करें |