रायपुर (छत्तीस गढ़ )
क्लिक , क्लिक , क्लिक … हमारा स्मार्टफोन यानी हमारे हाथ में जादू का पिटारा | जब चाहे , जहाँ चाहे सहेज लें यादों को | कोई पल छूटने न पाए , और हम ऐसा करते भी हैं | माँल में गए तो चार साड़ियों की फोटो खींच भेज दी सहेलियों को व्हाट्स एप पर | तुरंत सबकी राय आ गयी | खुद को भी फैसला लेने में आसानी हुई | ये तस्वीरे हम खुद खींचते हैं अपनी सुविधा से अपनी मर्जी से | पर अगर यही काम कोई दूसरा करे बिना हमारी जानकारी के बिना हमारी मर्जी के तो ?
अक्सर अख़बारों में पढने को मिल जाता है कि बड़े –बड़े शॉपिंग माल्स में ट्रायल
रूम्स में छोटे कैमरे लगे होते हैं जो वस्त्र बदलते समय महिलाओ की तस्वीरे उतार लेते हैं | महिलाओ को सचेत
रहने को कहा जता है व् कई ऐसे उपाय बताये जाते हैं जिससे वो आसानी से जान
सके कि ट्रायल रूम में कोई कैमरा लगा है या नहीं | इन ख़बरों के आने के बाद से ज्यादातर
महिलाएं सतर्कता से काम लेने लगी हैं | पर
आज हम इस लेख में उन छिपे हुए कैमरों की बात नहीं कर रहे हैं बल्कि उन उन कैमरों की बात कर रहे हैं जो लोग हाथों में लिए घुमते
हैं और यहाँ वहाँ ,ईधर उधर बिना १,२,३ रेडी ,स्माइल प्लीज कहे फोटो खीचते
रहते हैं | जी हाँ ! आप सही समझे हम बात
कर रहे हैं आपके हाथों में हर वक्त रहने वाले मोबाइल फोन की |
रूम्स में छोटे कैमरे लगे होते हैं जो वस्त्र बदलते समय महिलाओ की तस्वीरे उतार लेते हैं | महिलाओ को सचेत
रहने को कहा जता है व् कई ऐसे उपाय बताये जाते हैं जिससे वो आसानी से जान
सके कि ट्रायल रूम में कोई कैमरा लगा है या नहीं | इन ख़बरों के आने के बाद से ज्यादातर
महिलाएं सतर्कता से काम लेने लगी हैं | पर
आज हम इस लेख में उन छिपे हुए कैमरों की बात नहीं कर रहे हैं बल्कि उन उन कैमरों की बात कर रहे हैं जो लोग हाथों में लिए घुमते
हैं और यहाँ वहाँ ,ईधर उधर बिना १,२,३ रेडी ,स्माइल प्लीज कहे फोटो खीचते
रहते हैं | जी हाँ ! आप सही समझे हम बात
कर रहे हैं आपके हाथों में हर वक्त रहने वाले मोबाइल फोन की |
कहते
हैं हर आविष्कार के कुछ लाभ होते हैं व् कुछ हानि वही बात मोबाइल फोन पर भी लागू
होती है | आज से १० -१५ साल पहले मोबाइल इतने सुलभ नहीं थे | केवल वहीँ लोग जो
फोटोग्राफी के शौक़ीन थे अपने पास कैमरा रखते थे वो भी २४ x ७ नहीं | किसी विशेष
बात पर विशेष जगह पर ही फोटो खीची जाती थी | उस समय आम आदमी फोटो खिचवाने के लिए मौके तलाशता था | जो उसे शादी पार्टी
आदि समारोहों में ही मिलते थे | बकायदा तैयार होकर ग्रुप फोटो खिचवाने स्टूडियो
जाया जाता था | वाजिब बात है सबके पास अपनी गिनी चुनी ही तस्वीरे होती थी | कितने
खूबसूरत पल जिन्हें यादों में सहेजना चाहते थे ,रह जाते थे | मोबाइल ने यह मुश्किल
आसान कर दी है | हर किसी के पास कैमरा है … जब चाहे जितनी चाहे फोटो खींचों
,पसंद आये रखों बाकी सब डिलीट |
हैं हर आविष्कार के कुछ लाभ होते हैं व् कुछ हानि वही बात मोबाइल फोन पर भी लागू
होती है | आज से १० -१५ साल पहले मोबाइल इतने सुलभ नहीं थे | केवल वहीँ लोग जो
फोटोग्राफी के शौक़ीन थे अपने पास कैमरा रखते थे वो भी २४ x ७ नहीं | किसी विशेष
बात पर विशेष जगह पर ही फोटो खीची जाती थी | उस समय आम आदमी फोटो खिचवाने के लिए मौके तलाशता था | जो उसे शादी पार्टी
आदि समारोहों में ही मिलते थे | बकायदा तैयार होकर ग्रुप फोटो खिचवाने स्टूडियो
जाया जाता था | वाजिब बात है सबके पास अपनी गिनी चुनी ही तस्वीरे होती थी | कितने
खूबसूरत पल जिन्हें यादों में सहेजना चाहते थे ,रह जाते थे | मोबाइल ने यह मुश्किल
आसान कर दी है | हर किसी के पास कैमरा है … जब चाहे जितनी चाहे फोटो खींचों
,पसंद आये रखों बाकी सब डिलीट |
आज कल हर
हाथ में मोबाइल है और मोबाइल में अच्छी किस्म का कैमरा | पर इससे जिंदगी की कुछ
मुश्किलें बढ़ी भी है | अब आप को सड़क पर बाज़ार में हँसते –बोलते खाते –पीते , कभी भी किसी असावधान
मुद्रा में कैद कर सकता है | सिर्फ कैद ही नहीं कर सकता है वीडियो बना कर फेस बुक
, व्हाट्स एप पर शेयर भी कर सकता है | अभी पिछले दिनों व्हाट्स एप पर एक वीडियो
बहुत शेयर हुआ जिसमें दुल्हन वरमाल डालते समय गिर गयी थी | किसकी शादी थी वो लड़की कौन थी इससे किसी को मतलब नहीं
पर उसके गिरने के दृश्य पर हँसने वाले
वहां मौजूद लोग ही नहीं अपितु कई अनजान –अजनबी भी बने | रेखा अपने ९ साल के दो
जुड़वां बच्चों के साथ मॉल गयी थी | मॉल
में बच्चों ने बहुत शरारते करनी शुरू कर दी | रेखा ने उन्हें संभालने की कोशिश की पर गुस्से पर काबू न पा सकी जोर से
चिल्ला –चिल्ला कर बच्चों को डांटा फिर बच्चों के पलट कर जबाब देने पर वहीँ बैठ सर
पकड़ कर रोने लगी | बच्चे तो थोड़ी देर में शांत हो गए पर शाम को रेखा के पास कई फोन
आने लगे | दरसल किसी ने उसका वीडियो बना कर “ आजकल की मम्मी “ के नाम से फेस बुक
पर डाल दिया था |
हाथ में मोबाइल है और मोबाइल में अच्छी किस्म का कैमरा | पर इससे जिंदगी की कुछ
मुश्किलें बढ़ी भी है | अब आप को सड़क पर बाज़ार में हँसते –बोलते खाते –पीते , कभी भी किसी असावधान
मुद्रा में कैद कर सकता है | सिर्फ कैद ही नहीं कर सकता है वीडियो बना कर फेस बुक
, व्हाट्स एप पर शेयर भी कर सकता है | अभी पिछले दिनों व्हाट्स एप पर एक वीडियो
बहुत शेयर हुआ जिसमें दुल्हन वरमाल डालते समय गिर गयी थी | किसकी शादी थी वो लड़की कौन थी इससे किसी को मतलब नहीं
पर उसके गिरने के दृश्य पर हँसने वाले
वहां मौजूद लोग ही नहीं अपितु कई अनजान –अजनबी भी बने | रेखा अपने ९ साल के दो
जुड़वां बच्चों के साथ मॉल गयी थी | मॉल
में बच्चों ने बहुत शरारते करनी शुरू कर दी | रेखा ने उन्हें संभालने की कोशिश की पर गुस्से पर काबू न पा सकी जोर से
चिल्ला –चिल्ला कर बच्चों को डांटा फिर बच्चों के पलट कर जबाब देने पर वहीँ बैठ सर
पकड़ कर रोने लगी | बच्चे तो थोड़ी देर में शांत हो गए पर शाम को रेखा के पास कई फोन
आने लगे | दरसल किसी ने उसका वीडियो बना कर “ आजकल की मम्मी “ के नाम से फेस बुक
पर डाल दिया था |
श्रीमान
और श्रीमती देसाई सडक पर झगड़ पड़े | आप को
कुछ नहीं आता से शुरू हुई बात दोनों के पुरखो के सत्कर्म उछालने तक खीच गयी | थोड़ी
देर बाद उस झगड़े की वीडियो उनके दूसरे शहर में रहने वाले एक मित्र ने व्हाट्स एप
पर ये कहते हुए भेजी की उनके पास कहीं से आई है ……… क्या बात है सब ठीक है |
नयी माँ सुलेखा अपने १ १/२ साल के बच्चे
के साथ मॉल में गयी | बच्चा कभी गोद में चढ़ता कभी उतरता | साडी ठीक से पिन अप न होने की वजह से इस आपाधापी में
पल्ला कभी अपने स्थान पर न रह पाता | शातिर मोबाइल कैमरों ने उसे खीच कर अपने
दोस्तों को भेजना शुरू कर दिया |
और श्रीमती देसाई सडक पर झगड़ पड़े | आप को
कुछ नहीं आता से शुरू हुई बात दोनों के पुरखो के सत्कर्म उछालने तक खीच गयी | थोड़ी
देर बाद उस झगड़े की वीडियो उनके दूसरे शहर में रहने वाले एक मित्र ने व्हाट्स एप
पर ये कहते हुए भेजी की उनके पास कहीं से आई है ……… क्या बात है सब ठीक है |
नयी माँ सुलेखा अपने १ १/२ साल के बच्चे
के साथ मॉल में गयी | बच्चा कभी गोद में चढ़ता कभी उतरता | साडी ठीक से पिन अप न होने की वजह से इस आपाधापी में
पल्ला कभी अपने स्थान पर न रह पाता | शातिर मोबाइल कैमरों ने उसे खीच कर अपने
दोस्तों को भेजना शुरू कर दिया |
वैसे
महिलाओं को खतरा ज्यादा है पर इन मोबाईल कैमरों की जद में हर कोई है क्या स्त्री
,क्या पुरुष | गंजा सर खुजाते हुए किशोरी लाल व् कही ट्रेन न छूट जाए इस लिए हाँफते –दांफ्ते दौड़
लागते मोटी तोंद वाले बैंक मैनेजर शैलेश कुमार जी | यहाँ आम और
ख़ास का फर्क भी नहीं है रिक्शे वाला हो सब्जी वाला हो या काम वाली उसकी कुछ
असावधानीवश की गयी हरकते कैमरे में कैद हो सकती हैं और जस्ट फॉर फन आँन लाइन हो सकती हैं | क्या आपने कभी सोचा है जो
आप दिन भर व्हाट्स एप पर तमाम फुहडाना ,बेवकूफाना हरकतें देखते रहते हैं उनमें से
कई किसी आम घटना को चुपके से कैमरे में
कैद करके बनायीं गयी है| ये वो आम बातें भी होती हैं जो हम भी अक्सर करतें हैं
…. पर दूसरे का मजाक उड़ाने में पीछे नहीं हटते |
महिलाओं को खतरा ज्यादा है पर इन मोबाईल कैमरों की जद में हर कोई है क्या स्त्री
,क्या पुरुष | गंजा सर खुजाते हुए किशोरी लाल व् कही ट्रेन न छूट जाए इस लिए हाँफते –दांफ्ते दौड़
लागते मोटी तोंद वाले बैंक मैनेजर शैलेश कुमार जी | यहाँ आम और
ख़ास का फर्क भी नहीं है रिक्शे वाला हो सब्जी वाला हो या काम वाली उसकी कुछ
असावधानीवश की गयी हरकते कैमरे में कैद हो सकती हैं और जस्ट फॉर फन आँन लाइन हो सकती हैं | क्या आपने कभी सोचा है जो
आप दिन भर व्हाट्स एप पर तमाम फुहडाना ,बेवकूफाना हरकतें देखते रहते हैं उनमें से
कई किसी आम घटना को चुपके से कैमरे में
कैद करके बनायीं गयी है| ये वो आम बातें भी होती हैं जो हम भी अक्सर करतें हैं
…. पर दूसरे का मजाक उड़ाने में पीछे नहीं हटते |
वैसे तो हम जब भी घर के बाहर होते हैं हमें इस बात
का हमेशा ख्याल रहता है कि कोई हमें देख रहा है और हमारा प्रयास भी यही रहता है कि हम घर के बाहर शिष्ट व् सभ्य
व्यवहार करे | पर पहले बात इतनी गंभीर
नहीं थी | कुछ दिनों बाद बात आई गयी हो जाती थी | पर आज के समय में हमें जब यह पता
है कि घर के बाहर न सिर्फ लोग हमारी
हरकतों को देख रहे हैं बल्कि अपने कैमरे
में कैद कर के किसी असावधानी को पूरी दुनियाँ तक पहुंचा सकते हैं, तो हमें ज्यादा सावधान रहने
की आवश्यकता है | वैसे ये स्वतंत्रता दिवस का महीना है ऐसे में एक विचार मन में
उठाना स्वाभाविक है कि इंसान की निजी स्वतंत्रता को धत्ता बधाती इस तरह की
फोटो बाजी के विरुद्ध क्या एक सख्त कानून की आवश्यकता है ?
का हमेशा ख्याल रहता है कि कोई हमें देख रहा है और हमारा प्रयास भी यही रहता है कि हम घर के बाहर शिष्ट व् सभ्य
व्यवहार करे | पर पहले बात इतनी गंभीर
नहीं थी | कुछ दिनों बाद बात आई गयी हो जाती थी | पर आज के समय में हमें जब यह पता
है कि घर के बाहर न सिर्फ लोग हमारी
हरकतों को देख रहे हैं बल्कि अपने कैमरे
में कैद कर के किसी असावधानी को पूरी दुनियाँ तक पहुंचा सकते हैं, तो हमें ज्यादा सावधान रहने
की आवश्यकता है | वैसे ये स्वतंत्रता दिवस का महीना है ऐसे में एक विचार मन में
उठाना स्वाभाविक है कि इंसान की निजी स्वतंत्रता को धत्ता बधाती इस तरह की
फोटो बाजी के विरुद्ध क्या एक सख्त कानून की आवश्यकता है ?
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