सेल्फी का दीवानापन
अभी कुछ दिन पहले की बात है कि यात्रा के दौरान ट्रेन में मेरे बगल में एक २१ -२२ साल की लड़की आकर बैठ गयी| लड़की के हाथ में मोबाइल था वो उसी में जुटी हुई थी | शुरू –शुरू में तो मैंने इस पर ध्यान नहीं दिया क्योंकि आम तौर पर इस उम्र के बच्चे मोबाइल में ही व्यस्त रहते हैं |पर जब बहुत देर तक उसका मोबाइल नहीं छूटा तो मेरा ध्यान गया | दरसल वो लड़की अपनी सेल्फी खींचने में लगी थी …. लगातार पिछले 5 घंटे से.. खींचती ,रिजेक्ट करती ,डिलीट करती ,फिर दूसरी खींचती | मुझसे रहा नहीं गया तो मैं पूंछ ही लिया “बेटा क्या करती हो |आंटी मैं बी ए थर्ड इयर की स्टूडेंट हूँ और कॉम्पटिटिव एग्जाम देने जा रही हूँ उसने बिना सर उठाये हुए कहा | जो लड़की एग्जाम देने जा रही है वो किताबें देखने की जगह इतनी देर से परफेक्ट सेल्फी की कोशिश में लगी है बिना रुके बिना थके | ये तो सरासर दीवानापन है |आश्चर्य के साथ मेरे मन में एक प्रश्न आया “सेल्फी सेल्फी …. कितनी सेल्फी|” सेल्फी सेल्फी … आखिर कितनी सेल्फी -selfie mania(hindi) मुझे अखबार में पढ़ी एक घटना याद आ गयी |जिसमे सेल्फी की लत के कारण एक ब्रिटिश टीन ने आत्महत्या जैसा कठोर कदम उठा लिया |दरसल वह लड़का दिन भर अपने आई फोन में बिजी रहता | परफेक्ट सेल्फी के कारण उसने कई किलो वजन घटाया | पढाई में पिछड़ने के कारण उसे स्कूल से निकाल दिया गया | वह अपने परिवार व् माता –पिता के प्रति आक्रामक हो गया | परफेक्ट सेल्फी न मिलने के कारण उसे लगा की वो सुन्दर नहीं है| उसका चेहरा फोटो जेनिक नहीं है| एक दिन निराशा में उसने आत्महत्या जैसा घातक कदम उठा लिया |एक चिराग जलने से पहले ही बुझ गया | अगर देखा जाए तो मौजूदा दौर सेल्फी अपलोड करना फैशन ट्रेंड बन गया है |फ़िल्मी सितारे ,टीनऐजर्स ,घरेलु महिलाएं तक सब फेस बुक से ले कर ट्विटर व्हाट्स ऐप में सेल्फी अपलोड करते नज़र आते हैं | सेल्फी खींच कर डालने का शौक सनक की हद तक बढ़ गया है |अब ज्यादातर लोगों के पास महंगे स्मार्ट फोन हैं जो उनकी इस सनक को पूरा करने की ड्यूटी में चौबीसों घंटे मुस्तैद रहते हैं | पर इस शौक के कई नुक्सान है जिनसे सावधान रहना जरूरी है | सोशल साइट्स का एडिक्शन श्रीमती देसाई (स्कूल टीचर) के अनुसार ज्यादातर स्कूल में मोबाइल लाना मना है पर बच्चे मानते नहीं हैं ,छुपा के ले ही आते हैं और क्लास रूम से ही अपनी तरह –तरह की सेल्फी खींच कर भेजते रहते हैं |बड़ा बड़ा लिख कर डालते हैं ये क्लास में …नीद से भरी आँखे ,जम्हाई लेते हुए ,उबाऊ लेक्चर और टीचर के लिए… कितना बोलता है यार | पकडे जाने पर तुरंत ऑफ लाइन हो जाते हैं | दोस्ताना व्यवहार बनाये रखने के लिए मैं खुद उनसे फेस बुक पर जुडी हूँ पर हद होती है जब बच्चे मुझे रात के १२ -१ बजे तक सोशल साइट्स पर दिखते हैं | एक तरह से उन्हें एडिक्शन हो गया है |ये बच्चे न पेरेंट्स की सुनते हैं न टीचर की |सेल्फी के चक्कर में अपना कीमती समय बर्बाद कर रहे हैं | सेल्फी मेनिया -नए ज़माने का डिसऑर्डर हर अच्छी चीज के साथ कुछ बुरी चीजे भी जुडी होती हैं |नए जमाने के साथ एक ओर जहाँ हम तकनीकी रूप से विकसित हो गए हैं वहीँ इन सोशल साइट्स की वजह से कुछ नयी बीमारियाँ भी आई हैं | कभी –कभी ज्यादा सेल्फी अपलोड करना एक डिसऑर्डर का रूप ले लेता है| मनोवैज्ञानिक अतुल देशमुख ने एक ऐसे ही किशोर की बात बताई …. १६ -१७ साल का यह लड़का पूरी तरह से अवसाद की गिरफ्त में आ गया था | इसने एक बार अपनी फोटो डाली किसी लड़की के आदतन कमेंट nice के बाद उसने कमेंट किया मुझे अपनी फ्रेंड लिस्ट में शामिल करेंगी | लड़की ने जवाब दिया ‘अपनी शक्ल कभी आईने में देखी है| ये सब सार्वजानिक था | जाहिर है दोस्तों ने बहुत मजाक बनाया | अपने को सुन्दर सिद्ध करने के लिए वो रोज २०० -२५० फोटो डालने लगा | एक –एक कमेंट उसे बैचैन कर देता |लोगों का अप्रूवल उसका मिशन बन गया | लम्बे ईलाज के बाद आज वो लड़का ठीक है पर सदा यही कहता है “ भगवान् न करे कोई मेरी स्तिथि से गुज़रे | वास्तव में नए ज़माने का यह एक नया डिसऑर्डर हैं …. बहुत डरावना ,भयावाह | सेल्फी पर कमेंट्स करते हैं प्रभावित ज्यादातर लोग जब फेस बुक पर अपनी सेल्फी डालते हैं तो ये सोच कर डालते हैं कि लोग तारीफ़ करेंगे | ढेरों लाइक्स के बीच एक भी डिस लाइक उन्हें दुखी कर जाता है | कई बार कुछ लोग मजा लेने के लिए या यूँही शरारत करने के उद्देश्य से भद्दे अपमान जनक कमेंट्स कर देते हैं | जैसे तुम्हारी नाक मोटी लग रही हैं ,इस ड्रेस का रंग तो बेकार है | अगर प्रोफाइल पब्लिक है तो कुछ शरारती तत्व फेक आई डी बना कर घुस आते हैं और अपमान जनक कमेंट्स करने लगते हैं |ऐसे कमेंट्स टीन ऐजर्स को ज्यादा प्रभावित करते हैं | उनका पढाई से मन हट जाता है और पूरा धयान परफेक्ट सेल्फी डालने में चला जाता है | आत्मविश्वास की कमी यह सच है कि आजकल स्मार्ट फोन के कैमरे बहुत अच्छे होते हैं उनसे अच्छी सेल्फी ली जा सकती है | यहाँ तक की कई ऐप भी होते हैं जिनकी मदद से सेल्फी और आकर्षक बनाई जा सकती है | आकर्षक तस्वीरों से अपनी एक सुन्दर इमेज बनाने के बाद जब कभी उन्ही फेस बुक फ्रेंड्स से मिलने का अवसर आता है तो कॉन्फिडेंस लेवल लो फील होता है | जब वह खुद को आईने के सामने खड़ा हो कर देखते हैं तो अपने आप को स्वीकार नहीं कर पाते व् हीन भावना से ग्रस्त हो जाते हैं | हो जाते हैं ब्यूटी कॉन्सस हर किसी को भगवान् ने कुछ न कुछ नेमते दी हैं |इंसान को खुश रहने के लिए उनकी कद्र करनी … Read more