पिता…..जुलाहा……रखवाला
पिता … इस शब्द से ही मन में गहरा प्रेम उमड़ता है | पिता एक आसमान है जो हर तकलीफ से संतान रक्षा करता है इसीलिये तो उसे रखवाला कहा गया है | पिता एक जुलाहा भी है जो समय की ताने -बाने पर संतान का भविष्य बुनता है | पिता के न जाने कितने रूपों को समेटे हुए है कविता … पिता…..जुलाहा……रखवाला खिल गयी है मुस्कुराहट, उसके चेहरे पर आया है नूर निहार,निहार चूमे माथा,लहर खुशी की छाया है सुरूर गर्व से फूल गया है सीना ,बना है वह आज पिता अंश को अपने गोद में लेकर, फूला न समाया , जगजीता सपने नये लगा है संजोने, पाया है सुख स्वर्ग समान तिनका, तिनका जोड़–जोड़, करने लगा नीड निर्माण बीमा, बचत, बैंकों में खाते, योजना हुई नयी तैयार खेल-खिलोने,घोड़ा-गाड़ी, खुशियाँ मिली उसे अपार सांझ ढले जब काम से आता ,लंबे-लंबे डग भरता ममता, प्यार हृदय में रखता ,जगजाहिर नहीं करता कंधों पर बैठा वो खेलता, कभी घोड़ा वह बन जाता हँसी, ठिठोली , रूठ ,मना कर, असीम सुख वह पाता ढलने लगी है उम्र भी अब तो , अंश भी होने लगाजवां पैरों के छाले नहीं देखता ,लेता चैन नहीं ओसान बच्चों की खुशियों की खातिर, हर तकलीफ़ रहा है झेल जूतों का अपने छेद छुपाता , मोटर गाड़ी का तालमेल अनंत प्यार का सागर है ये ,परिंदे का खुला आसमान अडिग हिमालय खड़ा हो जैसे ,पिघले जैसे बर्फ समान बड़ा अनोखा है ये जुलाहा , बुन रहा तागों को जोड़ सूत से नाते बाँध रहा ये , लगा रहा दुनिया से होड़ होने लगी है हालत जर-जर, हिम्मत फिर भी रहा न हार बेटी की शादी, बेटे का काम ,करने लग रहा जुगाड़ दर्द से कंधे लगे हैं झुकने ,रीढ़ भी देने लगी जवाब खुश है रहता अपनी धुन में , देख संतान को कामयाब बेटी अब हो गयी पराई , बेटा भी परदेस गया बाट जोहता रहता हर दिन ,आएगा संदेस नया खाली हाथ अब जेब भी खाली , फिर भी सबसे मतवाला बन गया है धन्ना सेठ , ये जुलाहा, रखवाला रोचिका शर्मा ,चेन्नई यह भी पढ़े …. मायके आई हुई बेटियाँ एक दिन पिता के नाम -कवितायें हीं कवितायें अपने पापा की गुडिया पिता की अस्थियाँ आपको “पिता…..जुलाहा……रखवाला “कैसे लगी अपनी राय से हमें अवगत कराइए | हमारा फेसबुक पेज लाइक करें | अगर आपको “अटूट बंधन “ की रचनाएँ पसंद आती हैं तो कृपया हमारा फ्री इ मेल लैटर सबस्क्राइब कराये ताकि हम “अटूट बंधन“की लेटेस्ट पोस्ट सीधे आपके इ मेल पर भेज सकें | filed under- Father, Poetry, Poem, Hindi Poem, Emotional Hindi Poem, Father’s Day, Father-Daughter