एक कदम पीछे

जीवन स्वयं आगे बढ़ता है | पर हम उससे भी आगे बढ़ने की होड़ लगा लेते हैं | इतनी तेज दौड़ते हुए भी लगता है जैसे कुछ फँस गया है , कोई फांस है जो पैर में चुभ रही है, कहीं कुछ अटक गया है और सबसे महत्वपूर्ण अगर यात्रा अधूरी या तनाव ग्रस्त ही लग रही हो तो एक कदम पीछे हटना भी उतना ही जरूरी होता है | ये कदम पीछे हटना अपने लिए होता है | जहाँ हम आगे भागती हुई जिन्दगी से थोड़ा सा पीछे हट कर सोचते हैं कि ऐसा क्या है जो हमारी मदद नहीं कर रहा है, या अवरोध उत्त्पन्न कर रहा है |
ये एक रिश्ता हो सकता है जो ख़ुशी के स्थान पर सिर्फ तकलीफ दे रहा होता है |
ये कोई व्यवहारिक पैटर्न हो सकता है जो बार बार निराशा की ओर या असफलता ( मानसिक स्तर पर ही सही ) की ओर धकेल रहा हो |
या फिर कोई ऐसा सत्य हो सकता है जिसे मन स्वीकार नहीं करना चाहता | कई बार मन परछाई को पकड़ना चाहता है, जो संभव नहीं | झूठे दिलासे खुद को देने के स्थान पर बेहतर है सच को स्वीकार कर आगे बढ़ा जाए |
जो भी हो ठहर कर अपने प्रति ईमानदार होकर उस कारण को खोज निकालना है और हिम्मत के साथ उसे छोड़ देना है |
तो आगे की यात्रा के लिए एक कदम पीछे हटिये | ये एक तोहफा है जो आप खुद को देंगे | याद रखिये अपने लिए ये काम सिर्फ आप ही कर सकते हैं …
#self_healing

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